नेपाली मेडिकल काउंसिल में सुधार की मांग, डॉ. शाह का दृष्टिकोण
नेपाल मेडिकल काउंसिल के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी डॉ. गुरुशरण शाह ने स्वास्थ्य सेवा में पारदर्शिता और जवाबदेहिता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि काउंसिल का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों की सुरक्षा नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना है।
काउंसिल की वर्तमान चुनौतियां
डॉ. शाह ने काउंसिल की प्रमुख समस्याओं की पहचान की है। पंजीकरण प्रक्रिया में जटिलता, डिजिटलीकरण का अभाव, और निरंतर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का काठमांडू केंद्रित होना मुख्य मुद्दे हैं।
"चिकित्सक केवल काठमांडू के ही नहीं हैं, पूरे नेपाल के हैं। उन्हें अपने स्थान पर ही प्रशिक्षण मिलना चाहिए," डॉ. शाह ने कहा।
न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता
काउंसिल पर चिकित्सकों के पक्ष में निर्णय लेने के आरोपों के जवाब में, डॉ. शाह ने स्पष्ट किया कि "काउंसिल डॉक्टर बचाने की संस्था नहीं है। गलती करने पर लाइसेंस रद्द हो जाता है।"
उन्होंने बताया कि शिकायतों की जांच में देरी का कारण व्यापक प्रक्रिया है। विशेषज्ञों की समिति गठन से लेकर पूर्ण बैठक के निर्णय तक की प्रक्रिया समय लेती है।
सुधार की योजना
उपाध्यक्ष बनने पर डॉ. शाह की प्राथमिकताएं हैं:
- पंजीकरण प्रक्रिया को तेज और सरल बनाना
- सभी प्रांतों में लाइसेंसिंग परीक्षा का आयोजन
- शिकायतों का त्वरित और निष्पक्ष निपटान
- चिकित्सक और आम जनता के बीच विश्वास की बहाली
चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता
लाइसेंस परीक्षा में बढ़ती असफलता दर पर चिंता व्यक्त करते हुए, डॉ. शाह ने कहा कि पाठ्यक्रम और शिक्षण विधि में आधुनिकीकरण आवश्यक है। वर्तमान में सैद्धांतिक परीक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक परीक्षा की भी आवश्यकता है।
चिकित्सकों का पलायन
चिकित्सकों के विदेश जाने की समस्या पर डॉ. शाह ने सरकार की नीति पर सवाल उठाए। "१० साल की पढ़ाई और करोड़ों रुपए खर्च के बाद सरकारी नौकरी में केवल ४८ हजार रुपए तनख्वाह मिलती है, जबकि भारत में ४ लाख से अधिक मिलता है।"
भविष्य की दिशा
डॉ. शाह ने जोर दिया कि नेपाल मेडिकल काउंसिल केवल चिकित्सकों की संस्था नहीं है, बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य से प्रत्यक्ष संबंध रखने वाली संस्था है। इस संदेश को समाज तक पहुंचाना आवश्यक है।
स्वास्थ्य सेवा में सुधार केवल चिकित्सकों पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह एक समग्र प्रणालीगत मुद्दा है जिसमें सरकार, संस्थाएं और समाज सभी की भूमिका है।